घने जंगलों के बीच (मैलानी में) औघड़-दरबार की दीपावली का दृश्य …
उत्तर-प्रदेश का एक बड़ा जिला – लखीमपुर खीरी ! इस जिले की एक तहसील का नाम है – गोला गोकर्णनाथ ! इसी के नज़दीक है एक स्थान — मैलानी ! रेलवे का एक जंक्शन ! जंक्शन से मात्र 1 किलोमीटर दूर है एक गाँव- नारंग ! ये गाँव हमारी राजनीतिक-समाजिक विकास की विफ़लताओं का जीता-जागता नमूना है ! मगर ये गाँव आज कल चर्चा का विषय बना हुआ है ! नेपाल से कुछ ही दूर शांत घने जंगलों से पटा और अमूमन शेरों की दहाड़ के साथ गुंजायमान विश्व-प्रसिद्द टाइगर-प्रोजेक्ट “दुधवा नेशनल पार्क” के बगल में स्थित इस गाँव में अब मुंबई-दिल्ली-चेन्नई-कोलकाता सहित दुनिया के तमाम लोग, अक्सर, पहुँच रहे हैं ! कारण ? पिछले कुछ सालों से यहाँ पूरी दुनिया में अघोर/अघोरी परम्परा के ईष्ट-आराध्य-मुखिया , अघोराचार्य महाराजश्री बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी, का यदा-कदा यहाँ आगमन ! मैलानी नाम की जगह में स्थित है औघड़ का आश्रम ! आजकल ये स्थान जगज़ाहिर हो चला है ! पिछले दिनों दीपावली के अवसर पर औघड़ के इस आश्रम की रौनक देखने लायक थी ! एक झलक….
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