30 सितम्बर 2019 को उत्तर-प्रदेश में एक ऐसी ह्त्या हुई , जिससे भाजपाई खेमा हिल गया । इलाक़े में शेर कहे जाने वाले सोनभद्र जिले की रेणुकूट नगर-पंचायत के अध्यक्ष, शिव प्रताप सिंह उर्फ़ ‘बबलू’, की सरेआम ह्त्या हो गयी । ह्त्या का आरोपी निकला , इसी नगर पंचायत का पूर्व अध्यक्ष और ताक़तवर स्थानीय भाजपा नेता अनिल सिंह । इस ह्त्या ने रेणुकूट को दहला दिया, लोग खुलकर भाजपा के ख़िलाफ़ सड़कों पर निकल आये । मामला शांत भी नहीं हुआ, कि, शिव प्रताप सिंह की ह्त्या के बाद से, खाली पड़े नगराध्यक्ष का पद भरने के लिए उपचुनाव की तारीख़ का ऐलान हो गया । 14 जनवरी 2020 को रेणुकूट नगर पंचायत का उपचुनाव है और स्वर्गीय शिव प्रताप सिंह की धर्मपत्नी (स्थानीय लोगों द्वारा शेरनी कही जाने वाली) निशा बबलू सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं । अनिल सिंह के चलते, इलाक़े में, बदनाम हो चुकी भाजपा ने भी एक महिला को अपना प्रत्याशी बनाया है, लेकिन माना जा रहा है कि निशा सिंह के पक्ष में एकतरफ़ा लहर है । पेश है ‘इस वक़्त’ के वरिष्ठ संवाददाता कमलेश युवा की निशा सिंह से ख़ास बातचीत …..
प्रश्न न. 1:- रेणुकूट नगर-पंचायत के चेयरमैन रहे आप के पति, स्वर्गीय शिव प्रताप सिंह उर्फ़ ‘बबलू’, जनता के बीच बहुत लोकप्रिय थे, क्या रेणुकूट की जनता के दिलों में अब भी वो राज़ करते हैं ?
उत्तर:- देखिये, जहां तक उनकी लोकप्रियता का सवाल है , तो इसमें कोई दो-राय नहीं कि रेणुकूट की जनता हमेशा उनसे बहुत स्नेह करती थी, है और रहेगी । रेणुकूट के लोगों के दिलों में हमेशा वो ज़िंदा रहेंगे , उसी सम्मान और प्यार के साथ जो उन्होंने बतौर चेयरमैन रेणुकूट की जनता के दुःख-दर्द में साझा किया था । वो आज भी रेणुकूट की जनता के दिलों में राज करते हैं ।
प्रश्न न. 2:- राजनीतिक रंजिश के चलते आप के पति की जान गयी, बावज़ूद इसके आप चुनाव मैदान में हैं …. वो कौन सी बात है जिसने आपको चुनाव लड़ने की हिम्मत दी ?
उत्तर:- रेणुकूट के पिछले नगर-पंचायत चुनाव में हमेशा, मैं, ‘उनके’ साथ लोगों के बीच जाती थी । ‘ये’ कहते थे कि जनता की सेवा से बढ़कर कुछ नहीं है और जब तक जान है, ये शरीर, लोगों की सेवा में ही बितना चाहिए । जब मैं ‘इनके’ साथ लोगों के बीच जाती थी, लोगों की अपार उम्मीद देख कर मुझ में जज़्बा आता था कि मैं अपने पति के साथ कंधा-से-कंधा मिलाकर इनकी सेवा करुँ । अब मैंने अपना पति खो दिया , लेकिन उनका सेवा का जो भाव था वो आज भी मुझ में ज़िंदा है । बस इसी की बदौलत मुझ में हिम्मत आती है ।
प्रश्न न. 3:- आप के पति सोनभद्र जिले के लोकप्रिय जनप्रतिनिधियों में से एक रहे , ऐसे में उनकी लोकप्रियता और सहानुभूति का आपको कितना लाभ मिलेगा ?
उत्तर:- मेरे पति सोनभद्र के लोकप्रिय जनप्रतिनिधियों में महज़ इसलिए एक नहीं थे कि वो रेणुकूट नगर पंचायत चेयरमैन थे, बल्कि इसलिए कि उनके दिलों में ज़रुरतमंदों और रेणुकूट की जनता के लिए असीम करुणा और प्रेम का भाव था । ये असीम प्रेम और भाव आज भी लोग महसूस करते हैं । रेणुकूट की अधिकाँश आबादी, मुझसे उम्मीद रखती है कि मैं उनके सपनों को पूरा करुँ । मेरे पति की ‘सर्वधर्म-समभाव’ की छवि के चलते सभी वर्गों का भरपूर समर्थन हमें मिल रहा है ।
प्रश्न न. 4:- आप के पति की ह्त्या का आरोप जिन पर लगा है , वो लोग जेल में बंद हैं और लोग सत्ताधारी भाजपा से जुड़े रहे हैं …. क्या आप पर सत्ता का दबाव भी है ?
उत्तर:- जी , मुझ पर कोई दबाव नहीं है और न ही मैं किसी के दबाव में आने वाली हूँ । मैंने, रेणुकूट की जनता की सेवा की ख़ातिर, अपना पति खो दिया । एक औरत के लिए इससे बड़ी पीड़ा क्या होगी ? आज जो लोग जेल में बंद हैं उन लोगों ने कुर्सी के लिए मेरी मांग का सिन्दूर तक उजाड़ दिया । मैं हिम्मत हारने वालों में से नहीं हूँ । लेकिन इस बात से ज़रुर निराशा हुई है कि भाजपा ने मेरे पति के हत्यारोपियों को पाला पोसा और अब पश्चाताप करने की बजायउनकी जगह एक दूसरा उम्मीदवार खड़ा कर दिया ।
प्रश्न न. 5:- रेणुकूट नगर-पंचायत के पूर्व चेयरमैन और आप के पति की ह्त्या के आरोपी अनिल सिंह भाजपा से जुड़े रहे , लेकिन भाजपा ने अब अनिल सिंह की जगह एक महिला को अपना उम्मीदवार बनाया है, ऐसी स्थिति में निशा सिंह को इसका फ़ायदा कितना मिलेगा या कितना नुकसान होगा ?
उत्तर:- मैंने पहले ही कहा कि भाजपा ने मेरे पति के हत्यारोपियों को पाला पोसा और अब मेरे ही ख़िलाफ़ अपने दुसरे उम्मीदवार को खड़ा कर दिया । लेकिन एक बात, आप, समझ लीजिये कि ये पब्लिक है, सब जानती है । भाजपा की उम्मीदवार जब जनता के दरवाज़े पर पहुंचेंगी तो पब्लिक उनसे मेरे पति की ह्त्या का हिसाब ज़रुर मांगेगी । और, अग़र, भाजपा उम्मीदवार भाजपा के बैनर तले वोट मांगेगी तो जनता मेरे पति के हत्यारोपियों में से प्रमुख — भाजपा नेता रहे अनिल सिंह के बारे में पूछेगी और मतदान के ज़रिये उन्हें अच्छा सबक़ सिखाएगी ।
प्रश्न न. 6:- रेणुकूट जैसे ग़रीब-अशिक्षित और बदहाल क्षेत्रों में ‘जात-पांत, अपराध और धंधेबाज़ी का वर्चस्व’ का ज़बरदस्त मिश्रण होता है, क्या आपको लगता है कि दबंग, शोषण करने वाले या अपराधी छवि के लोगों को या ऐसे लोगों को पालने-पोसने वाली पार्टी के उम्मीदवारों को लोग वोट देंगे ?
उत्तर:- इसमें कोई दो-राय नहीं कि जिन क्षेत्रों में पिछड़ापन होता है, वहाँ की भोली-भाली जनता को तमाम प्रलोभनों के ज़रिये बहकाया-फुसलाया जाता है । लेकिन इंटरनेट और सूचना-क्रान्ति के इस दौर में अब लोग तेज़ी से चीज़ों को समझ रहे हैं । अपना नफ़ा-नुक़सान देख रहे हैं और अपराधी छवि वाले उम्मीदवारों या उनकी पार्टियों को दरक़िनार कर रहे हैं । अब लोग साफ़-सुथरी छवि वाले उम्मीदवार को देखते हैं । उनसे उम्मीद रखते हैं, जो ज़मीन पर उनके साथ खड़ा हो ।
प्रश्न न. 7:- रेणुकूट नगर पंचायत चुनाव में आप किन-किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही हैं ?
उत्तर:- सड़क-पानी-बिजली-रोज़गार ….. ये सब तो आदमी के बुनियादी हक़ वाले मुद्दे तो हैं ही , लेकिन साथ में …. खनिज-धनी वाले इस जिले में जो गरीब का शोषण होता है उसके ख़िलाफ़ भी मेरी आवाज़ बुलंद होगी । अपने पति की तरह मैं भी गरीबों और ज़रुरतमंदों के प्रति बेहद संवेदनशील और शोषण के ख़िलाफ़ हूँ । ज़ाहिर है, इन मासूम-गरीब-ज़रुरतमंदों से जुड़ी समस्याएँ ही मुख्य मुद्दा है ।
प्रश्न न. 8:- जिस चीज़ के चलते दुनिया में लोग रेणुकूट को जानते हैं, वो है यहां स्थित एशिया की सबसे बड़ी अल्युमिनियम फैक्ट्री – हिंडाल्को ? लेकिन आपके पति का इससे छत्तीस का आंकड़ा था । आप की रणनीति क्या होगी ?
उत्तर:- देखिये मेरे पति की कोई निजी दुश्मनी हिंडाल्को या अन्य शोषणकर्ताओं के साथ नहीं थी । उनकी लड़ाई थी हक़ को लेकर । लाचार मज़दूरों और बेबस लोगों के हक़ को लेकर मेरे पति हमेशा जागरुक रहे, शोषणकर्ताओं के ख़िलाफ़ लड़ते रहे । अपनी पति की प्रेरणा से मैं भी उनकी ही राह पर हूँ । किसी से कोई निजी लड़ाई नहीं है , लेकिन हक़ को लेकर मेरे पति का जो संघर्ष था वो मेरे ज़रिये जारी रहेगा ।
प्रश्न न. 9:- रेणुकूट एक ऐसा जिला है जो खनिज-पदार्थ और औद्योगिक धंधों के हिसाब से भारत का अमीर जिला कहा जाता है , लेकिन रेणुकूट जिले का बाशिंदा भारत के सबसे ग़रीब तबक़ों में से एक जाना जाता है ? दो उल्टी तस्वीर एक साथ कैसे टंगी हुई है ?
उत्तर:- आपने सही कहा । इस उल्टी तस्वीर का अहम् कारण है – शोषण । अमीर आदमी और अमीर होता जा रहा है, जबकि, गरीब आदमी पेट भरने को मोहताज़ । अमीर आदमी अपने परिवार के लिए महीने में पांच लाख रुपया भी कम बताता है और मज़दूर और लाचार वर्ग को इतने कम मज़दूरी के पैसे देना चाहता है, जिसमें उस मज़दूर को अपने परिवार का पेट पालना भी मुश्क़िल होता है । ये बहुत बड़ा विरोधाभास है, जिसे दूर होना ही चाहिए ।
प्रश्न न. 10:- रेणुकूट की जनता के अंदर ‘विकास की भूख और इसके मद्देनज़र राजनीतिक समझदारी’ को आप कैसे देखती हैं ?
उत्तर:- अब वो ज़माना गया जब धर्म-जात-पात या पार्टी की राजनीति कर, या पार्टी की मोहर के बल पर लोग नेता बन जाते थे । अब आम आदमी आपसे हिसाब माँगता है , आपके काम-काज का । भाजपा के ही नेता थे अनिल सिंह, जिन्होंने मेरे पति को मरवाने में अहम् भूमिका निभाई । अब भाजपा उमीदवार से लोग पूछेंगे ही कि अनिल सिंह जैसे नेताओं को आप क्यों पालते रहे ? भाजपा उम्मीदवार से और भी कई सवाल, पब्लिक, पूछेगी । रेणुकूट की जनता, अब, सच में विकास चाहती है ।
प्रश्न न. 11:- रेणुकूट की जनता से वो कौन से बड़े वायदे आप कर रही हैं, जिनको पुरा करने का भरोसा आपके स्वर्गीय पति ने दिलाया था और अब आप दिलाएंगी ?
उत्तर:- रेणुकूट की जनता से मेरे पति ने जो-जो वादा किया था, उनको पूरा करने की दिशा में उन्होंने काम करना शुरु भी कर दिया था । मैं उन सबको पूरा करने के लिए संकल्पित हूँ । मूलभूत सुविधा मुहैया कराने से लेकर शोषण के ख़िलाफ़…. मैं हर तरह से रेणुकूट की जनता के साथ खड़ी हूँ ।
प्रश्न न. 12:- आप के व्यक्तित्व में आपके पति का नेतृत्व देखने वालों की तादाद, ग़र ,बढ़ी तो आप उनकी उम्मीदों पर कितना ख़रा उतरेंगी ?
उत्तर:- मुझे विश्वास है कि रेणुकूट की जनता मेरे पति के भरोसे को दिल में लेकर चलती थी और आज मुझे भी वही भरोसा हासिल है । बड़ी संख्या में लोग मेरे पास आ रहे हैं । पब्लिक चाहती है कि जैसे मेरे पति, बतौर नगराध्यक्ष, रेणुकूट की सेवा करते रहे , लोगों के लिए हर तरह की लड़ाई लड़ते रहे…… मैं भी उसी राह पर चलूँ ।
प्रश्न न. 13 :- रेणुकूट नगर पंचायत उप-चुनाव 2020 में, स्थानीय स्तर पर, किन-किन राजनीतिक दलों का समर्थन आपको हासिल है ?
उत्तर:- भाजपा को छोड़कर मुझे सभी प्रमुख राजनीतिक दलों का समर्थन मिला हुआ है । मेरे पति की ह्त्या के मुख्य साज़िशकर्ता अनिल सिंह भाजपा के नेता थे , इसलिए स्थानीय स्तर पर मतदाताओं का भाजपा से मोहभंग हो चुका है । मेरे पति की ह्त्या के चलते, भाजपा उम्मीदवार को, भाजपा के नाम पर वोट मांगना मुश्क़िल हो रहा है । रेणुकूट नगराध्यक्ष उप-चुनाव में आप को इसकी झलक भी दिखेगी ।
प्रश्न न. 14 :- रेणुकूट नगर पंचायत उप-चुनाव 2020 में निशा सिंह को जीत की उम्मीद कितनी है ?
उत्तर:- मुझे पूरा विश्वास है कि रेणुकूट की जनता मेरे पति का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देगी । आज रेणुकूट की जनता का जो अपार समर्थन, प्यार , स्नेह , मेरे पति के नाम पर मुझे मिल रहा है …. उससे मेरा हौसला बढ़ा है । मुझे पूरी उम्मीद है कि, आने वाले दिनों में, संवैधानिक तौर पर रेणुकूट की जनता की सेवा करने का अवसर मुझे ज़रुर मिलेगा ।
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