भाजपा अध्यक्ष — कौन-कौन ?

हिंदुस्तान में जिस पॉलिटिकल पार्टी को सबसे बड़े सियासी दल का दर्ज़ा हासिल है उसका नाम है – BJP । यानि भारतीय जनता पार्टी   BJP को , प्राथमिक सदस्यों के लिहाज़ से, दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कहा जाता है । हालांकि देखा जाए तो , इस पार्टी के मूल में , 1951 में  श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित भारतीय जनसंघ ही मूलतः भारतीय जनता पार्टी का पुराना रूप है । ये और बात है कि…. इस पार्टी की आधिकारिक तौर पर स्थापना…..    6 अप्रैल 1980 को हुई थी । देखा जाए तो, 1980 से लेकर 2020 तक, कुल 11 व्यक्तियों के नेतृत्व में, भाजपा के,  कुल 14 पार्टी अध्यक्ष हो चुके हैं । यानि इन 11 व्यक्तियों में से इसके संस्थापक रहे लालकृष्ण आडवाणी को तीन और वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह को दो बार, दुनिया की इस सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी का, अध्यक्ष बनने का मौक़ा मिला है । बाकी 9 लोगों को एक-एक बार । आइये देखते हैं कि 1980 से लेकर 2020 तक के अपने 40 साल के राजनीतिक सफ़र और 14 अध्यक्षों की रहनुमाई में, कई मुक़ाम देखने वाली, भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष (अब तक) कौन-कौन रह चुका है ?

अटल बिहारी वाजपेयी :-  भारतीय जनता पार्टी के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी ने 1980 से 1986 तक पार्टी का नेतृत्व किया । 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी,  भारतीय राजनीति का, वो चेहरा हैं जिनके ज़िक़्र के बिना हिन्दुस्तान की सियासी कहानी अधूरी है । भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय नेताओं में से एक , कवि-नेता और राजनेता कहे जाने वाले, अटल बिहारी वाजपेयी को दुनिया के विख्यात नेताओं में शुमार किया जाता है । अपने अनोखे अंदाज़ और शायराना मिजाज़ के नज़रिये से ,अटल बिहारी वाजपेयी, हमेशा से आम जनता की पहली पसंद रहे । अपने समाजिक और राजनीतिक जीवन में गज़ब का संतुलन साधे रहे अटल बिहारी वाजपेयी, भारत की राजनीति का वो नाम हैं जिन्होंने तमाम विरोधों और मतान्तर के बावज़ूद अपने विरोधियों के लिए हमेशा सम्मान बनाये रखा । आपकी बातों से इत्तेफ़ाक़ न रखने वाले विरोधी भी आपकी इस कला के मुरीद थे । वाजपेयी को भारतीय जनता पार्टी के चुनिंदा संस्थापकों में सबसे अहम् स्थान हासिल है । तीन बार भारत के प्रधानमंत्री पद की बागडोर संभालने वाले भाजपा के पहले अध्यक्ष ,भारत रत्न ,अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को इंतक़ाल हो गया ।

लालकृष्ण आडवाणी :- 1986 से लेकर 1991 तक भारतीय जनता पार्टी के दूसरे, 1993 से 1998 तक चौथे व्   2004 से 2005 तक पार्टी के नवें राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे लाल कृष्ण आडवाणी को तीन बार भाजपा की कमान संभालने का अवसर मिला । 8 नवम्बर 1927 को तत्कालीन कराची शहर में जन्मे लाल कृष्ण आडवाणी विभाजन के बाद  भारत चले आये । आप पार्टी के सबसे प्रभावशाली ससंथापकों में सबसे ऊपरी पायदान पर थे । देखा जाए तो भारत की राजनीतिक में ,सही मायने में, विपक्ष को स्थापित करने वाले  भीष्म- पितामह आडवाणी ही हैं । क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के पहले, भारत में, कॉंग्रेस का सही मायने में कोई विरोधी दल नहीं था । बाबरी मस्ज़िद घटनाक्रम से पहले हाशिये पर सिमटी भारतीय जनता पार्टी को स्थापित करने का श्रेय पूरी तरह से आडवाणी के हिस्से में आता है । हालांकि 1977 में विपक्षी दलों ने मिलकर इंदिरा गांधी वाली कॉंग्रेस को हरा दिया था , लेकिन ये हवा का बुलबुला था जो 3-4 साल तक ही बुलबुलाता रहा , और फ़िर नेस्तनाबुद्द हो गया । ऐसे में सम्भवतः, आडवाणी, आज़ाद भारत के पहले नेता थे जिन्होंनेकॉंग्रेस को विपक्ष का मतलब समझाया था, कॉंग्रेस के अंदर विपक्ष का डर बैठाया था  जो आज भी बदस्तूर जारी है । आज़ादी के बादभारत के चर्चित अंतराष्ट्रीय नेताओं में शुमार और भारत के कई अहम् संवैधानिक पदों पर रहे आडवाणी ,देश के, सातवें उप-प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं ।

 

मुरली मनोहर जोशी :- मूलरुप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा क्षेत्र के रहने वाले  मुरली मनोहर जोशी का जन्म 5 जनवरी 1934 को हुआ था । भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार  जोशी को आडवाणी-वाजपेयी के साथ तिकड़ी के रुप में जाना जाता है । उत्तर-प्रदेश की इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में , फ़िज़िक्स यानि भौतिक विज्ञान के, प्रोफ़ेसर रहे जोशी 1991 से 1993 तक भारतीय जनता पार्टी के तीसरे अध्यक्ष रहे । देश के संवैधानिक कई उच्च पदों पर रहे जोशी को हमेशा ही भाजपा की पहली पंक्ति के लीडरों में शामिल शुमार  जाता रहा है ।

कुशाभाऊ  ठाकरे :- 15 अगस्त 1922 को मध्य प्रदेश के धार जिले में जन्मे  कुशाभाऊ ठाकरे भारतीय जनता पार्टी के पांचवे अध्यक्ष रहे । अध्यक्ष पद से पहले ठाकरे ने, पार्टी के, महासचिव पद की ज़िम्मेदारी भी लम्बे समय तक निभाई । 1998 से सन 2000 तकपार्टी की बागडोर संभालने वाले कुशाभाऊ ठाकरे ने 1980 में पार्टी की स्थापना के समय पार्टी सचिव पद की ज़िम्मेदारी भी संभाली थी । 28 दिसंबर 2003 को आपकी मृत्यु हो गयी ।

बंगारु लक्ष्मण :- 17 मार्च 1939 को, तत्कालीन, आंध्र प्रदेश में जन्मे बंगारु लक्ष्मण भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक रहे । आप कई बार राज्य सभा सांसद और बतौर मंत्री दो बार भारत सरकार का हिस्सा रहे । सन 2000 से 2001 के बीच भारतीय जनता पार्टी के छठवें अध्यक्ष के तौर पर कार्यरत लक्षमण को , एक टी वी चैनल द्वारा, रिश्वत सम्बन्धी  स्टिंग ऑपरेशन के चलते इस्तीफ़ा देना पड़ा था । 1 मार्च 2014 को आपका निधन हो गया ।

 जना कृष्णमूर्ति :- 2001 से 2002 के बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जना कृष्णमूर्ति को पार्टी के सीनियर लीडर्स व् संस्थापकों में से एक माना जाता है । 1980 में पार्टी की स्थापना के वक़्त आपको पार्टी के राष्ट्रीय सचिव की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी थी । 24 मई 1928 को तमिलनाडु के मदुरई जिले में जन्मे जना कृष्णमूर्ति, भारत सरकार के क़ानून मंत्री भी रहे थे । 25 सितम्बर 2007 को आपका इंतक़ाल हो गया ।

वेंकैया नायडू :- 1 जुलाई 1949 को , तत्कालीन, आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में जन्मे वैंकेया नायडू को  वर्तमान भारतीय राजनीति के सीनियर लीडर्स में शुमार किया जाता है । आप भारतीय जनता पार्टी के उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने ,इस, पार्टी को राष्ट्रीय कैनवास का हिस्सा बनाने में अपना अहम् योगदान दिया । आप के हिस्से भारत सरकार के कई महत्वपूर्ण मंत्रालय  को संभालने का गौरव भीआता है । 2002 से 2004 तक भारतीय जनता पार्टी के आठवें राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे वैंकेया नायडू ने 2017 में भारत के 13वें उप-राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाल लिया ।

राजनाथ सिंह :- मोदी सरकार के सबसे सीनियर मंत्री और, भारतीय जनता पार्टी के, सबसे सीनियर लीडर्स में से एक राजनाथ सिंह का जन्म  10 जुलाई 1951 को उत्तर-प्रदेश के तत्कालीन वाराणसी जिले की चंदौली तहसील में हुआ था । ये तहसील बाद में चंदौली जिले में स्थापित हो गयी । फ़िज़िक्स के प्रोफ़ेसर रहे राजनाथ को पार्टी में हमेशा अहम् ज़िम्मेदारियाँ मिलती रहीं । भारत के सबसे बड़े और अहम् सूबे उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे राजनाथ सिंह को दो बार भाजपाध्यक्ष बनने का मौक़ा मिला । 2005 से 2009 तक 10वें तथा दुबारा 2013 से 2014 तक 12वें  भाजपा अध्यक्ष रहने वाले राजनाथ के हिस्से में भारत सरकार के कृषि, गृह व् रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय को संभालने का योगदान भी आता है ।

नितीन गडकरी :- 27 मई 1957 को  महाराष्ट्र के नागपुर जिले में जन्मे नितीन गडकरी को, भारत का, रोडमंत्री भी कहा जाता है । 1995 से 1999 के बीच महाराष्ट्र सरकार के PWD मंत्री के तौर पर गडकरी ने भारत के पहले 6-लेन  , मुंबई-पुणे, एक्सप्रेसवे का निर्माण करवा  कर एशिया में, रोड-निर्माण के क्षेत्र में, भारत का डंका बजवा दिया ।  भारत के शानदार एक्सप्रेसवे के पीछे की प्रेरणा माने जाने वाले गडकरी 2009 से 2013 तक भारतीय जनता पार्टी के 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे । भारत सरकार के कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों को मिसाल बनाने वाले गडकरी भाजपा के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक हैं ।

अमित शाह :-  भारतीय राजनीति में बहुत कम लोग हैं  जिन्हें चाणक्य का दर्ज़ा  मिला । 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में जन्मे अमित शाह वर्तमान भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जा रहे हैं । 2014 से 2020 के बीच भाजपा के 13वें राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अमित शाह को वो शख़्स माना जाता है जिन्होंने अब तक भारतीय राजनीति के बेहद लोकप्रिय नेताओं में से एक, नरेंद्र मोदी, की लोकप्रियता को वोट में तब्दील कर नरेंद्र मोदी को  दो-दो बार देश का प्रधानमंत्री बनवाने में अपनी अहम् भूमिका निभाई । लोकसभा में सीटों के लिहाज़ से शाह को BJP का सबसे सफ़ल अध्यक्ष माना जाता है । इनके कार्यकाल में भाजपा ने 303 सीटों पर फ़तह हासिल की । भारत में धारा 370 और नागरिकता संशोधन क़ानून , CAA, को लागू करने के लिए भी शाह को याद किया जाता है ।

जगत प्रकाश नड्डा :- 20 जनवरी 2020 को भारतीय जनता पार्टी के 14वें अध्यक्ष बने जगत प्रकाश नड्डा का जन्म 2 दिसंबर 1960 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ था । हालांकि जून 2019 में नड्डा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था । मूल रुप से हिमाचल के रहने वाले नड्डा 1993 में पहली बार हिमाचल प्रदेश की विधानसभा के लिए चुने गए । उसके बाद वो प्रदेश की धूमल सरकार में मंत्री भी रहे । राष्ट्रीय अध्यक्ष पद संभालने के पहले नड्डा केंद्र सरकार में बतौर केंद्रीय मंत्री शामिल थे ।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नीरज वर्मा 

सम्पादक

इस वक़्त‘ 

 

 

 

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