अन्तराष्ट्रीय कोर्ट (I.C.J.) – 4 भारतीय जज

“इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस” (I.C.J. – अन्तराष्ट्रीय न्यायालय) दुनिया की एक ऐसी न्याय-संस्था है, जो दुनिया भर के अन्तराष्ट्रीय-विवादों पर न्याय देने के लिए जानी जाती है ! भारत-पाकिस्तान के बीच चर्चित कुलभूषण जाधव का मामला भी इसी के अधीन है ! 1945 में स्थापित और 1946 से अपना काम-काज संभालने वाली, ये संस्था “संयुक्त राष्ट्र संघ” के चार्टर का अभिन्न हिस्सा है ! इसका मुख्यालय हेग (नीदरलैंड) में है ! इस न्यायायिक संस्था में कुल 15 जज नियुक्त होते हैं, जो, क्षेत्रवार दुनिया के अलग-अलग देशों से आते हैं ! मसलन:- 3 जज अफ्रीकन देशों से आते हैं, 2 यूरोपियन, 3 एशियाई और 2 जज लैटिन अमेरिकन और कैरेबियन देशों के होते हैं ! जबकि पांच परमानेंट जज संयुक्त राष्ट्र संघ के पांच परमानेंट सदस्य-देशों (अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और चीन) से नियुक्त होते हैं !  हर जज का कार्यकाल 9 साल का होता है ! हाल ही में भारत के दलवीर भंडारी दूसरी बार इसके जज बने हैं ! भारत के लिए ये गौरव की बात है, कि, अब तक….बेनेगल नरसिंह राव (B.N.Rao), नागेन्द्र सिंह, रघुनन्दन स्वरुप पाठक (R.S.Pathak) और दलवीर भंडारी सहित 4 भारतीय जज, इस अन्तराष्ट्रीय संस्था को, अपनी सेवा प्रदान कर चुके हैं ! इस लेख में हम आपको, अन्तराष्ट्रीय न्याय-व्यवस्था से जुड़ी, इन्हीं 4 नामचीन शख्सियत का संक्षिप्त परिचय दे रहे हैं !

बेनेगल नरसिंह राव (B.N.Rao)

बेनेगल नरसिंह राव उर्फ़ B.N.Rau और I.C.J.

कर्नाटक के मैंगलूरू (मैंगलोर) शहर में 26 फरवरी 1887 को जन्मे, बी.एन.राव की प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा मैंगलूरू स्थित “कनारा हाई स्कूल” में हुई ! मद्रास और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से उन्होंने अपना ग्रैजुएशन पूरा किया ! 1909 में वो “इंडियन सिविल सर्विस” के लिए चुन लिए गए और इसके तहत बंगाल में कई जगहों पर जज रहे ! इसके बाद असम राज्य के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहकर उन्होंने प्रशंसनीय  काम किये ! भारतीय संविधान के निर्माण में, बतौर सलाहकार, उनकी भूमिका प्रशंसनीय रही ! यहाँ तक कि पड़ोसी देश म्यांमार (पूर्व नाम “बर्मा”) के संविधान-निर्माण में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा ! “मानवाधिकार”-“रेलवे की दशा और सुधार” जैसे विषयों पर भी, भारत-सरकार उनकी नियुक्तियां करती रहीं ! 1944 में वो जम्मू-कश्मीर राज्य के प्रधानमंत्री भी बने, लेकिन, तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के महाराजा से विवाद के चलते उन्होंने 1945 में इस पद से त्यागपत्र दे दिया ! 1949 से 1952 तक, राव, “संयुक्त राष्ट्र संघ” में भारत के स्थायी प्रतिनिधि थे ! 1952 से 1953 के बीच, बतौर जज, वो “इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस” में कार्यरत रहे ! 30 नबम्बर 1953 को स्विटज़रलैंड के ज़्युरिख शहर में उन्होंने अपने जीवन की अंतिम सांस ली !

नागेंद्र सिंह

नागेन्द्र सिंह और I.C.J.

18 मार्च 1914 को राजस्थान के डुंगरपुर-राजघराने में जन्मे नागेन्द्र सिंह की प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा “सेंट जॉन्स कॉलेज” कैम्ब्रिज से हुई थी ! इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित “इंडियन सिविल सर्विस” के सेवा को ज्वाइन किया ! सिविल सर्विस के तहत उन्होंने पूर्वी राज्यों में कमिश्नर, सूचना-प्रसारण मंत्रालय में विशेष सचिव, रक्षा-मंत्रालय में संयुक्त सचिव जैसे पदों पर रहकर उल्लेखनीय कार्य किया ! 1966 से 1972 तक वो भारत के राष्ट्रपति के सचिव भी रहे ! 1 अक्टूबर 1972 से 6 फरवरी 1973 तक उन्होंने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त का पद भी संभाला ! 1973 में , बतौर जज, वो “इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस” उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी संभाली ! इसके बाद 1975 में वो “यूनाइटेड नेशन असेम्बली” में भारत के प्रतिनिधि भी नियुक्त हुए ! इसके बाद क़रीब 3 साल (1985 से 1988) तक, वो, “इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस” के प्रेसिडेंट के बेहद अहम् पद पर बने रहे ! 1988 में ही , हेग में, उनका निधन हो गया !

रघुनन्दन स्वरुप पाठक (R.S.Pathak)

रघुनन्दन स्वरुप पाठक और I.C.J.

रघुनन्दन स्वरुप पाठक का जन्म 25 नवम्बर 1924 को उत्तर-प्रदेश के इलाहाबाद ज़िले में हुआ था ! ये भारत के पूर्व-उपराष्ट्रपति गोपाल स्वरुप पाठक के बेटे थे ! इनकी प्रारम्भिक शिक्षा, “सेंट जोसेफ़ कॉलेज”, इलाहाबाद से हुई और लॉ-ग्रैजुएशन की पढ़ाई इन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से किया ! “इलाहाबाद हाईकोर्ट” में वक़ालत करते हुए वो यहीं पर, 1962 में, जज भी बने ! इसके बाद 1972 में “हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट” में मुख्य-न्यायधीश नियुक्त हुए ! 1978 में, इन्हें, “सुप्रीम कोर्ट” का जज बनाया गया और 21 दिसंबर 1986 से 18 जून 1989 तक, रघुनन्दन स्वरुप पाठक, भारत के सुप्रीम कोर्ट के 18वें मुख्य न्यायधीश रहे ! 1989 में ही रिटायर्डमेंट के बाद , बतौर जज,इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस” में उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी संभाली ! 1991 तक वो इस पद बने रहे ! चर्चित “भोपाल गैस काण्ड” और “ऑयल फॉर फूड” जैसे मामलों में उन्होंने उल्लेखनीय किरदार निभाया ! 17 नवम्बर 2007 को हार्ट-अटैक के चलते इनकी मृत्यु हो गयी !

दलवीर भंडारी

दलवीर भंडारी और I.C.J.

वर्तमान में “इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस” में दूसरी बार बतौर जज, नियुक्त किये गए, भारत के दलवीर भंडारी की चर्चा आज हर जगह हो रही है ! अन्तराष्ट्रीय-स्तर पर भारत के बढ़ते रूतबे के साथ, इसे, जोड़कर इसे देखा जा रहा है ! राजस्थान के जोधपुर जिले के प्रतिष्ठित वक़ील-परिवार में, 1 अक्टूबर 1947 को, जन्मे दलवीर भंडारी की प्रारम्भिक शिक्षा जोधपुर में हुई और जोधपुर यूनिवर्सिटी से ही इन्होंने लॉ में स्नातक (ग्रैजुएशन) किया ! पढ़ाई के बाद 1968 से 1970 तक “राजस्थान हाई कोर्ट” में प्रैक्टिस किये ! 1970 में ही अमेरिका की प्रतिष्ठित “शिकागो यूनिवर्सिटी” की तरफ़ से आयोजित कार्यशाला में , स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत, इन्हें आमंत्रित किया गया ! इसके बाद आमेरिका की ही एक प्राइवेट रिसर्च यूनिवर्सिटी, “नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी” के “स्कूल ऑफ लॉ” से दलवीर भंडारी ने पोस्ट ग्रैजुएट की डिग्री हासिल की ! शिकागो कोर्ट में, पहली बार, “नॉर्थवेस्टर्न लीगल असिस्टेन्स क्लिनिक” की तरफ़ से पहुंचे ! इसके बाद दलवीर भंडारी भारत वापस आ गए और 1973 से 1976 तक एक बार फ़िर से राजस्थान हाई कोर्ट में रहे ! 1977 में दिल्ली आ पहुंचे और सुप्रीम कोर्ट में वक़ालत शुरू किये और फ़िर यहां से दिल्ली हाई कोर्ट में जज बन गए ! 25 जुलाई 2004 को इन्हें “बॉम्बे हाई कोर्ट” का मुख्य-न्यायधीश नियुक्त किया गया ! 2005 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने ! 19 जून 2012 को पहली बार इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस” में बतौर जज बनने का मौक़ा मिला ! 20 नवंबर 2017 को, 70 वर्षीय दलवीर भंडारी, दूसरी बार 15 सदस्यीय “इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस” के जज बने ! निःसंदेह भारत के लिए ये किसी उपलब्धि से कम नहीं !

 

कृष्ण प्रताप सिंह (KP)

(अधिवक्ता)

इलाहाबाद हाईकोर्ट 

खण्डपीठ, लखनऊ

 

 

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