‘काउ यार्ड थेरपी’

आज कल यूरोपीयन देशों हाँलेंड, स्पैन, नार्वे, इंग्लेन्ड, फ़्रांस आदि  में तनाव एंव अवसादग्रस्त लोगों को ‘काउ यार्ड थेरपी’ से ठीक  किया जा रहा है ।
जिन लोगों मे आत्महत्या की प्रवत्ति, डिप्रेशन, तनाव, अवसाद आदि के लक्षण पाये जाते हैं उन्हे ‘काउ यार्ड थेरेपी’ से ठीक किया जा रहा है।
उन्हे १५ दिन गौशाला में गायौं के साथ ही सोना रहता है, दिन में कई बार गायों को गले लगाया जाता है ,
गाय को स्पर्श करवाया जाता है, एंव गाय का दूध पिलवाया जाता है।
जिसके चौंकाने वाले परिणाम इनको मिले हैं।
गाय मे गजब का हीलिंग पावर होता है।
और ये थेरेपी आजकल अमेरीका मे भी बहुत मशहूर हो रही है।

अमेरीका के  न्यूयार्क टाईम्स के कॉलमिस्ट जेने लाग्सडन ने सर्वे कर ये पाया की अस्थमा जैसी बीमारी भी गौशाला में रहने से कम हो सकती है।
अनेक शोधों से ये पता चला है कि गाय का शरीर आसपास रहने वाले लोगों के शरीर से तामसिक उर्जा खीचने की अद्भुत क्षमता रखता है।
लगता है कि हम अपने वैदिक विज्ञान को तभी सम्मान दे पाते हैं जब सफ़ेद चमडी वाले इसे प्रमाणित करते हैं ।
यही योग, संस्कृत और आयुर्वेद के साथ भी हुआ है।

Link of New york Times Article.

http://thecontraryfarmer.wordpress.com/2013/11/20/the-cow-stable-health-spa-of-the-future/

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