दिल्ली-NCR में स्थित ज़्यादातर TV चैनल्स में ऐसे-ऐसे पत्रकार हैं जिन्होंने देश के किसी भी हिस्से में साल-दो- साल भी कभी रिपोर्टिंग नहीं की है लेकिन आज की तारीख़ में ये पत्रकार बड़े-बड़े तथाकथित चैनल्स के बड़े-बड़े पदों पर बैठे हैं और दिल्ली-NCR के बाहर शायद ही कभी निकलते हों । बदक़िस्मती से इन Google search वाले पत्रकारों को देश में राष्ट्रीय स्तर का पत्रकार कहा जाता है । राज़ की बात ये है कि ये तथाकथित बड़े पत्रकार भले ही Google search के भरोसे अपनी पत्रकारिता को अंजाम तक ले जाते हों, मग़र मार्केटिंग मैनेजर बहुत बढ़िया होते हैं । चैनल्स वाले ऐसे ही लोगों को मुंह-माँगी क़ीमत पर ख़रीद कर बतौर मुलाज़िम उनके मार्केटिंक हुनर का इस्तेमाल कर बढ़िया कमाई करते हैं । लेकिन इन सबसे ज़्यादा नुक़सान हो रहा है उन करोड़ों दर्शकों का जो इन चैनल्स और इनके Google search वाले पत्रकारों को ज़मीनी तज़ुर्बे वाला मान बैठे हैं ।
पत्रकारिता या चैनल्स चलाने वालों से ये उम्मीद की जाती है कि आप ज़िम्मेदारी और हक़ीक़त से लोगों को रु-ब-रु कराएंगे । परोक्ष रूप से आप इसे पत्रकारिता की शपथ भी कह सकते हैं कि …. मैं जो कुछ भी कहूंगा, सच कहूंगा … सच के सिवा कुछ नहीं कहूंगा । भारत में क़रीब 1000 टी.वी. चैनल हैं। इनमें सभी भाषा के न्यूज़ और नॉन-न्यूज़ के चैनल में शामिल हैं । इनमें कुछ धनाभाव के चक्कर में बंद हैं और जो चालू हैं वो अपने को ज़िंदा रखने की बेहतरीन कोशिश में लगे हैं। मग़र कुछ ऐसे चैनल्स हैं, जो लगातार पैसा कमा रहे हैं , लेकिन, इनकी पैसे की हवस पूरी नहीं हो रही । ये चैनल्स TRP के नाम पर कुछ भी अनाप-शनाप दिखा रहे हैं , ताकि ज़्यादा-से-ज़्यादा दर्शक तक ये पहुंचे और (वाया विज्ञापन) इनकी जेब में ढेर सारा पैसा पहुंचे । Google search वाले ढेरों हवाई पत्रकारों की गैर-ज़िम्मेदाराना कमाऊ क़लम के भरोसे , इन चैनल्स की तिजोरी भर रही है । ऐसे ही चंद ग़ैर-ज़िम्मेदाराना चैनल्स में से एक है ZEE टी.वी. वाला ZEE ग्रुप । इस ग्रुप की हमेशा ये कोशिश होती है कि कोई ऐसा विषय उठाया जाए जिसमें हक़ीक़त की बजाय एक अलग क़िस्म का तड़का हो , जो पैसा बनाने की मशीन की तरह काम करे । बेसिर-पैर की बातें हो और साथ में सनसनी तथा उत्तेजना का फ़साना हो, ताकि मनुष्य की उस मनोवैज्ञानिक ग्रंथि का ज़्यादा-से-ज़्यादा शोषण किया जा सके जिसमें हक़ीक़त कम और फ़साना को ज़्यादा पसंद करने की आदत होती है । ऐतिहासिक और आध्यात्मिक विषयों को बिना शोध किये पेश करने की आदत से ZEE-ग्रुप लाचार है ।
अघोर/अघोरी, विषय, जी-ग्रुप के पसंदीदा और कमाऊ विषयों में से एक है । मैं पिछले 24 सालों से इस परंपरा के बीच रह कर इसको खंगाल और तलाश रहा हूँ और जो शोध सामने निकल कर आया , उसके आधार पर मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि (अघोर के ऊपर सीरियल बनाने के मामले में ) ज़ी ग्रुप एक बेहद गैर-ज़िम्मेदाराना ग्रुप है ।
(‘अघोरी’ सीरियल के ज़रिये) ज़ी-ग्रुप ने, एक बार फ़िर से, अघोर-परम्परा के नाम पर बहुत ही अनाप-शनाप जानकारी लोगों के सामने परोसा है , जिसका पुरज़ोर विरोध होना चाहिए । Zee ग्रुप से पूछा जाना चाहिए कि पैसे कमाने की हवस में सब कुछ जायज़ है क्या ? इसके पहले भी ‘काल-कपाल-महाकाल’ के नाम पर ज़ी न्यूज़ दर्शकों की आँखों में धुल झोंक चुका है । मैंने ख़ुद ‘काल-कपाल-महाकाल’ की शूटिंग के समय (प्रोडक्शन से जुड़े) आर. के. भारद्वाज को काफ़ी कुछ जानकारी दी थी , इस शर्त के साथ कि वो सच दिखाएंगे । मग़र भारद्वाज साहब का सपना कुछ और था । वो सच की बजाय सनसनी की तलाश में निकले थे और (ZEE News के ज़रिये) उसे फैलाने में सफ़ल भी रहे । फ्रॉड करने की हद यहां तक थी कि सीरियल की प्रोडक्शन टीम के सदस्य भारद्वाज जी ख़ुद ही तांत्रिक और अघोरी का रूप बना बैठे और जैसे चाहे वैसे स्क्रिप्ट को बना बैठे । बाद में जब ‘काल-कपाल-महाकाल’ टेलेकास्ट हुआ तो सिर्फ़ सनसनी पैदा करने वाली मनगढंत कहानियां दिखीं । दर्शक भी सनसनखेज मसाले का मुरीद हो उठा । ZEE ग्रुप मोगैम्बो की तर्ज़ पर ख़ुश हो उठा और ZEE ग्रुप की TRP फ़र्श से अर्श पर पहुँच गयी ।
इस सीरियल के ज़रिये ज़ी न्यूज़ ने ख़ूब TRP बटोरी मग़र दर्शकों को बहुत भ्रामक और ग़लत जानकारी परोस दी । दर्शक (एक बार फ़िर से) अघोरी के उसी रूप को जान पाया, जिसकी जानकारी पहले भी, दूसरे चैनल्स के, कई Google search पत्रकारों ने मनगढंत कहानियों के ज़रिये परोसी थीं । जिस विषय पर महीनों शोध के बाद कोई क़िताब लिखी जाती है या सीरियल बनाया जाता है, उस विषय पर ज़ी न्यूज़ जैसे ग्रुप महीने-दो महीने में सारे प्री-पोस्ट प्रोडक्शन कर लेते हैं और टेलेकास्ट भी कर देते हैं ।
ज़ी न्यूज़ के सुभाष गोयल हों या सुधीर चौधरी , ये लोग दिल्ली में ही बैठ कर, पूरी दुनिया की कहानी रच देते हैं और फ़िर एक बजट तय कर अपने नौसिखिया रिपोर्टर्स या किसी प्रोडक्शन हाउस को दो-चार महीने के अंदर सनसनी फ़ैलाने वाले प्रोडक्शन का अनुबंध दे देते हैं । कमाई के लालच में हर कोई बॉस को ख़ुश करने और चैनल के साथ-साथ अपनी TRP बटोरने में लग जाते हैं । कई संवेदनशील और प्राचीन आध्यात्मिक/धार्मिक/ऐतिहासिक विषयों को जिस तरह से ज़ी न्यूज़ ने मनगढंत कहानियों के ज़रिये धंधा बना दिया है, वो निंदनीय है । ज़ी न्यूज़ को इस तरह का ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार करने से बाज़ आना चाहिए । हालांकि ज़ी न्यूज़ के आक़ा , या इनके रिपोर्टर्स सुधरेंगे, इसमें संदेह बना हुआ है । ज़ी-ग्रुप की पैसे बनाने की हवस सर्व-व्यापी है। ये ग्रुप ऐसे भी, मूल धन पर, मोटा ब्याज़ लेने वाले नज़रिये से ज़्यादा हौसला नहीं रखता, बावज़ूद उम्मीद ज़िंदा है ।
नीरज वर्मा
संपादक
www.iswaqt.com
आजकल लोग पैसा और नाम कमाने के चक्कर मे सच को बहुत पीछे छोड़ देते है । अघोर परम्परा का अपना अलग अस्तित्व है और इसको गलत रूप में प्रस्तुत नही करना चाहिए। अघोरी परंपरा का समाज मे एक अलग ही स्थान है। अगर हम इसका आदर नही कर सकते तो कम से कम निरादर भी न करे । अघोरपंथी के बहुत से महान अनुयोगियो को हमारा प्रणाम 🙏🙏। बाबा कीनाराम जी की जय 🙏🙏 शिव के साक्षात रूप को नमन 🙏🙏
ज्योति जी , समाज में कुछ एक जिन विषयों को लेकर बेहद भ्रामक स्थिति है, उसी पर हमारी कोशिश है कि हम उस पर सार्थक और सत्य सामने रखें । साक्षात शिव बाबा कीनाराम जी और उनके पुनरगामित स्वरुप, अघोराचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी को नमन ।
I’m ashamed of zee group Subash chandraji to misguide d people ,new generation through the serial aghori,even i had seen many aghoris in Kumbh melas which are opposite to what this zee TV is going to show through their serial aghori.even I have seen mr Subhash chandraji show guiding d young generation in their career guidance,so how can mr Subhash chandraji b so irresponsible to give d permission of telecasting such serial without proper knowledge of aghoris,he should banned this serial or reshoot d serial n change d title name.mr Subhash chandraji don’t b so irresponsible against ur duties towards nation n whole world
Nilesh jee , you are Absolutely Correct. We must unite against media groups (like Zee) those are making money through false, baseless and sensational content. Zee Group is , really, irresponsible and illiterate group.
Bilkool sahi kaha Neeraj ji aapne. Hum is muhim me aapke saath hainn aur Zee Group ke is karyakram ka virodh pragat karte hue “NISEDH” karte hain.
Bilkool sahi kaha aapne Neeraj ji.Zee media ke dwara chalaya ja raha is gair jimmedarana serial ko jald band hona chahiye. Is muhim me hum aapke sath hain aur is karyakram ka “NISEDH” karte hain.
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