अघोरेश्वर महाप्रभु-महाप्रयाण, भाग-2

अघोरेश्वर-महाप्रभु का अग्नि-संस्कार

बींसवीं सदी के विश्व-विख्यात महान संत अघोरेश्वर भगवान् राम (अवधूत भगवान् राम) को भला कौन नहीं जानता ! देश-विदेश की जनता इन महान औघड़ संत को साक्षात परम-ब्रह्म मानकर पूजती थी ! इस लेख में उन्हीं महान संत के उस शरीर की अंतिम यात्रा का उल्लेखनीय विवरण है ! अध्यात्म जगत और भक्तों के लिए ये अद्भुत संस्मरण है !

भाग-2

आगे…….. 1 दिसम्बर 1992 को दोपहर के 1:10 बजे पूज्य बाबा का पार्थिव शरीर लेकर भारतीय वायु सेना का विशेष विमान बनारस की हवाई पट्टी पर उतरा । उस समय वहाँ पर उपस्थित अनगिनत शोक विव्हल श्रद्धालुओं ने अपनी आँखों में आँसु भरकर अपने मन प्राण के अधिश्वर, अपने मसीहा, अपने माँ गुरु के पार्थिव शरीर का स्वागत किया । उस जगह हृदय विदारक दृश्य उपस्थित हो गया था । दो सौ से भी अधिक वाहनों के काफिले के बीच पार्थिव शरीर को फूल मालाओं से आच्छादित एक खुली मिनी ट्रक में पड़ाव आश्रम तक लाया गया । उसी ट्रक में बाबा के सभी प्रमुख शिष्य बैठे थे । पूज्य बाबा की पूर्व इच्छानुसार मालवीय पुल के पूरब, गँगा के दक्षिण तट पर सूजाबाद, डूमरी गाँव के पश्चिम, पूर्व निर्दिष्ठ स्थल पर लगभग छै एकड़ जमीन पर अँतिम संस्कार की तैयारियाँ बाबा सिद्धार्थ गौतम राम और अवधूत भगवान राम कुष्ट सेवा आश्रम, पड़ाव के तत्कालीन उपाध्यक्ष श्री हरि सिनहा जी के निर्देशन में किया जाने लगा था । माननीय श्री चन्द्रशेखर जी पूर्व प्रधान मँत्री,  भारत सरकार अपने पुत्र श्री पँकज एवँ पुत्रबधु श्रीमती रश्मि जी के साथ सुरक्षा व्यवस्था की परवाह न करते हुए व्यवस्था में सक्रीय रुप से भागीदारी कर रहे थे ।

2 दिसम्बर 1992 को प्रातः 8 बजे पूजन तथा आरती के पश्चात देश विदेश से आये हुए बाबा के भक्तों का दर्शन पूजन का सिलसिला जो शुरु हुआ वह देर रात तक चला ।

3 दिसम्बर 1992 दिन बृहस्पतिवार को प्रातः स्नानोपराँत वस्त्र, गँध, विभूति तथा पुष्प माला अर्पित कर , पूज्यनीया माता जी द्वारा दर्शन कर लेने के बाद पार्थिव शरीर की अँतिम यात्रा प्रारँभ हुई । हजारों की संख्या में श्रद्धालु और भक्तगण ” अघोरान्ना परो मँत्रो नास्ति तत्वँ गुरो परम” का कीर्तन करते हुये पीछे पीछे स्मृति स्थल तक गये, जहाँ पूज्य बाबा के पार्थिव शरीर की अन्त्येष्ठी की जानी थी । जिस नवनिर्मित वेदी पर अन्त्येष्ठी होनी थी उस स्थान की पूजा यन्त्रवत पहले ही की जा चुकी थी । उक्त यँत्र वेदी पर बेल और चन्दन की लकड़ी तथा सुगन्धित बनस्पतियों से सजाई गई चिता पर बाबा के पार्थिव शरीर को उत्तराभिमुख पद्मासन की मुद्रा में ही आसीन किया गया । लेकिन उस परम्-ब्रह्म के पार्थिव-शरीर को मुखाग्नि देने का साहस कौन करे ? किसके अन्दर ये क्षमता थी ? ये बेहद मंथन वाला विषय था ! और अन्ततः…… अघोर-परंपरा के तीर्थ-स्थान, “बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड“, के पीठाधीश्वर व् सम्पूर्ण संसार में अघोर-परंपरा के मुखिया-आराध्य-ईष्ट तथा स्वयं महाप्रभु के शिष्य अघोराचार्य महाराजश्री पूज्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी (पीठाधीश्वर अघोरपीठ, क्रींकुण्ड, बाबा कीनाराम स्थल , शिवाला, वाराणसी) ने चिता की परिक्रमा करके पुर्वान्ह 11:50 बजे, उस परम-ब्रहम के पार्थिव-शरीर को मुखाग्नि दी ।

परम पूज्य अघोरेश्वर का नश्वर शरीर अग्निशिखाओं में लिपटकर ज्यों ज्यों पंच तत्वों में विलीन होता गया शोक की तरंगें दिशाओं को भी अपने में समेटती गईँ । अभिव्यक्ति की भी सीमा उल्लंघित हो जाय ऐसा शोकाकुल भक्तों का हुजूम वहाँ उपस्थित था ।अघोरेश्वर का पार्थिव शरीर पंचतत्त्वों में एकाकार हो गया । वे इन लौकिक चक्षुओं से दृश्यमान नहीं रहे । हमारे पास दिव्य दृष्टि नहीं है कि हम उनके शरीर का दर्शन लाभ कर सकें । हमारे लिये तो यह क्षति अपूरणीय है । उन्होंने कहा है कि वे सर्वत्र हैं, ढ़ूँढ़ने पर मिलेंगे भी, पर वे तो अब तक सहज सुलभ थे । अब यह हमारे ऊपर है कि हम उन्हें कैसे ढ़ूँढ़ते हैं और कैसे पाते हैं । अब का उनसे मिलना हमारी व्यक्तिगत थाती होगी । उनके रहते हमने मौका गँवा दिया, अब तो जीवन भर का रोना ही शेष रह गया है । यहाँ पर एक बड़े ही महत्वपूर्ण अध्याय की समाप्ति हो जाती है । जीवन तो चलता ही रहेगा । अगली पीढ़ी के विषय में बहुत कुछ लिखा जा चुका है । अब जो होगा वह अघोरपथ की अघोरेश्वर के बिना शायद विशिष्टहीन यात्रा होगी । हम इस आशा के साथ अपनी लेखनी को विराम देते हैं कि साधना और तप की कसौटी पर खरे उतरने वाले सन्त महापुरुष अघोरेश्वर की शिष्य परम्परा में हैं जिनकी सुगन्धि उत्तरोतर फैल रही है । आज अवधूत हैं कल अघोरेश्वर होंगे । हम अगली बार उनकी  लीला का स्मरण करेंगे ।

संकलनकर्ता

झा बाबा

सेवक

“बाबा कीनाराम अघोरपीठ”

राम्शाला, रामगढ़

चंदौली- उत्तर प्रदेश

4 Responses to अघोरेश्वर महाप्रभु-महाप्रयाण, भाग-2

  1. iswaqtadmin says:

    Thanks !

  2. iswaqtadmin says:

    Thanks !

  3. best cbd says:

    I like it when individuals come together and share views.

    Great site, stick with it!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *