भारत में कितनी नेशनल पार्टियाँ ?
हिन्दुस्तान को दुनिया में दूसरे नंबर का सबसे ज़्यादा जनसँख्या वाला देश जाना जाता है, लेकिन इसके हिस्से एक ऐसा ख़िताब है जो इसे नंबर वन तो बनाता ही है , साथ ही, लोकतंत्र की दुनिया में भरोसा करने वालों का सर गर्व से ऊपर उठा देता है । जी हाँ, भारतवर्ष को दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक मुल्क़ का दर्ज़ा हासिल है । दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की नुमाइंदगी करने वाले देश, हिंदुस्तान, में चुनाव ख़ूब शोर-शराबे के साथ लोकतांत्रिक – आधार पर लड़े जाते हैं ।
2019 के मुताबिक़ यहाँ 90 करोड़ मतदाता वोट देने के लिए वैध थे जिनमें से तक़रीबन 67 फ़ीसदी यानि 60 करोड़ 37 लाख मतदाताओं ने 2019 के आम चुनाव में यहां की संसद के निचले सदन लोकसभा की 543 सीटों वास्ते अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया ।
लेकिन यहां एक बात ग़ौरतलब है कि मतदान करने वाले ज़्यादातर वोटर्स को ये मालूम ही नहीं होता कि देश में कुल कितनी रजिस्टर्ड राजनीतिक पार्टियां हैं । उनमें से कितनी राष्ट्रीय पार्टियां हैं, कितनी स्टेट लेवल की पार्टियां हैं या फ़िर कितनी ऐसी पार्टियां हैं जो निर्वाचन आयोग से रजिस्टर्ड तो हैं लेकिन उनकी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय पार्टियों के तौर पर कोई मान्यता नहीं है । ऐसे में ज़्यादातर वोटर्स यानि मतदाताओं की भूमिका सिर्फ़ और सिर्फ एक ऐसे वोटर्स के तौर पर रह जाती है जो अपने विवेक के तौर पर मतदान करता तो है, लेकिन उसके पास राजनीतिक जानकारी बहुत नहीं होती । ऐसे में इस वीडियो का मक़सद है ऐसी उन जानकारियों को साझा करना , जो एक वोटर्स को ज़रुर पता होना चाहिए ।
आइये नज़र डालते हैं, हमारे भारतवर्ष की राजनीतिक व्यवस्था पर और यहां की राजनैतिक पार्टियों की कुल संख्या पर । यहां हम आपको एक बात साफ़ कर दें कि राष्ट्रीय या स्टेट लेवल की पार्टियों की जो लिस्ट है, वो कुछ शर्तों पर आधारित होती है और जिस चुनाव में ये शर्त पूरी नहीं होती, उस चुनाव में लिस्ट बदली-बदली सी नज़र आती है । तो चलिए सबसे पहले नज़र डालते हैं पार्टियों की लिस्ट पर — हिंदुस्तान में चुनाव संपन्न करवाने वाली सबसे बड़ी संस्था, भारत निर्वाचन आयोग, के मुताबिक़, फ़रवरी 2020 तक कुल 2599 राजनीतिक पार्टियां रजिस्टर्ड हैं । इन 2599 में से सिर्फ़ 8 पार्टियां राष्ट्रीय पार्टी कहलाने के ख़िताब से नवाज़ी गयी हैं , जबकि 53 को स्टेट लेवल यानि प्रदेश या क्षेत्रीय स्तर की पार्टी का ओहदा मिला है और शेष 2538 पार्टियाँ सिर्फ़ रजिस्टर्ड भर हैं , उनको मान्यता के किसी भी पैमाने पर नहीं रखा गया है ।
लेकिन आपकी जानकारी के लिए फ़िर बता दूँ कि आज की तारीख में जो पार्टियां रजिस्टर्ड हैं लेकिन राष्ट्रीय या प्रादेशिक यानि क्षेत्रीय पार्टी की लिस्ट में शामिल नहीं हैं वो कल भी ऐसी ही रहेंगी – ऐसा बिलकुल भी नहीं है । जी हाँ, बिलकुल सही सुना आपने । क्योंकि हो सकता है कि, आने वाले चुनावों में कोई रजिस्टर्ड पार्टी राष्ट्रीय और प्रादेशिक पार्टी बनने की शर्त को पूरा कर राष्ट्रीय या प्रादेशिक स्तर की लिस्ट में अपना नाम दर्ज़ कराने में सफ़ल हो जाए । अब सवाल ये उठता है कि, हिन्दुस्तान में, राष्ट्रीय या प्रादेशिक स्तर की राजनीतिक पार्टी कहलाने का पैमाना या शर्त क्या है ?
इसके जवाब में हम आपको बता दें कि कुछ शर्तें निर्धारित की गयी हैं , जिनमें से किसी एक शर्त को भी कोई दल अगर पूरा करता है तो वो राष्ट्रीय या क्षेत्रीय यानि प्रादेशिक पार्टी कहला सकता है । तो चलिए सबसे पहले राष्ट्रीय पार्टी की कुछ शर्तों को समझ लें, जिनमें से किसी एक शर्त को पूरा कर लेने वाला दल नेशनल पोलिटिकल पार्टी यानि राष्ट्रीय राजनीतिक दल कहलाता है । एक शर्त ये है कि — भारत में राष्ट्रीय पार्टी का दर्ज़ा उस राजनीतिक दल को मिलता है जिसे विधान सभा या लोकसभा चुनाव में कम से कम 4 राज्यों में पड़े कुल वोटों का 6 परसेंट वोट मिला हो और कम से कम उस पार्टी के 4 लोकसभा सांसद चुने गए हों । राष्ट्रीय राजनीतिक दल कहलाने की एक दूसरी शर्त है कि कम से कम 3 अलग-अलग राज्यों से जिस दल को कुल मिलाकर लोकसभा की 2 प्रतिशत सीट हासिल होगी वो दल राष्ट्रीय दल कहलाएगा । राष्ट्रीय पार्टी कहलाने की एक अन्य शर्त के मुताबिक़ — ग़र कोई दल चार राज्यों में, क्षेत्रीय या प्रादेशिक दल की मान्यता रखता हो तो उसे राष्ट्रीय दल कहा जाएगा ।
अब आप समझ गए होंगे कि अभी तक बतायी गयी सभी शर्तों में से किसी एक को भी कोई दल अगर पूरा कर लेता है तो उस दल को नेशनल पार्टी का स्टेटस मिल जाता है । अब देखते हैं कि फ़रवरी 2020 के मुताबिक भारत की राष्ट्रीय पार्टियों की लिस्ट में कौन-कौन सी पार्टियाँ शामिल हैं ।
लिस्ट की शुरुवात BJP यानि भारतीय जनता पार्टी से करते हैं , जिसकी स्थापना 1980 में हुई थी । एक अनुमान के मुताबिक़ BJP को आज की तारीख में दुनिया की सबसे बड़ी पोलिटिकल पार्टी माना जाता है , जिसका हेडक़्वार्टर, ITO और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बीच , 6A, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली में है ।
भारत की सबसे पुरानी पार्टी कॉंग्रेस हमेशा से ही राष्ट्रीय पार्टी रही है, जिसकी स्थापना 1885 में हुई थी और इसका हेडक़्वार्टर भी 24 अकबर रोड, नई दिल्ली में है । राष्ट्रीय पार्टियों में BSP यानि बहुजन समाज पार्टी भी है , BSP की स्थापना 1984 में हुई थी।
BSP का मुख्यालय यानि हेडक़्वार्टर, 12- गुरुद्वारा रकाबगंज रोड, नई दिल्ली में है । कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों भाग — यानि पहला भाग भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , जिसे शार्ट फ़ॉर्म में CPI भी कहते हैं और दूसरा भाग भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) , जिसे शार्ट में CPI (M) कहते हैं — भी राष्ट्रीय पार्टी कहलाते हैं ।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया यानि CPI की स्थापना 1925 में हुई थी और अजोय भवन, 15 इंद्रजीत गुप्ता मार्ग ,नई -दिल्ली में इसका हेडक़्वार्टर है ।
जबकि CPI (M) की स्थापना 1964 में हुई थी और इसका मुख्यालय 27-29 A.K.गोपालन भवन, भाई वीर सिंह मार्ग नई दिल्ली में स्थित है ।
एक अन्य राष्ट्रीय पार्टी NCP यानि नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी है जिसकी स्थापना 1999 में हुई थी और 10, बिशम्भर मार्ग, नई -दिल्ली में इसका मुख्यालय है ।
राष्ट्रीय पार्टियों में तृणमूल कॉंग्रेस यानि TMC भी है, जिसकी स्थापना 1998 में हुई थी और इसका हेडक़्वार्टर 36G, टोपसिया रोड, पंचन्ना ग्राम, कोलकाता में है । राष्ट्रीय पार्टीयों की लिस्ट में एक और नाम जो बच गया है वो है – नेशनल पीपुल्स पार्टी यानि NPP का ।
NPP की स्थापना 2013 में हुई थी और M.G. एवेन्यू, MDU बिल्डिंग, इम्फाल, मणिपुर में इसका हेडक़्वार्टर है । इस तरह से कुल 8 राष्ट्रीय पार्टियों की इन्फॉर्मेशन आप तक पहुँच चुकी है। ये थी थोड़ी सी वो अहम् जानकारी जो एक जागरुक और ज़िम्मेदार वोटर्स के काम आ सकती है ।
कामता प्रसाद
सम्पादकीय सलाहकार
‘इस वक़्त’
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